Google सीईओ सुंदर पिचई (Google CEO Sundar Pichai) स्वयं को तरोताजा रखने के लिए एनएसडीआर का सहारा लेते हैं. पिचई का कहना है कि जब वे ध्यान नहीं लगा पाते हैं तो फिर एनएसडीआर (NSDR) का अभ्यास करते हैं. यह तकनीक थकान, चिंता और तनाव को कम करने में सहायक और चीजों को तेजी से सीखने में मदद करती है।
नई दिल्ली. तनावमुक्त रहने के लिए लोग अलग–अलग तरीका अपनाते हैं. कोई ध्यान करता है तो कोई संगीत सुन कर खुद को रिलैक्स करता है. गूगल सीईओ सुंदर पिचई (Google CEO Sundar Pichai) खुद को रिलैक्स करने के लिए एनएसडीआर (Non Sleep Deep Rest – NSDR) का सहारा लेते हैं. इस तकनीक में बिना सोए गहरे आराम के जरिये शरीर को दोबारा काम करने लायक बनाया जाता है।
सुंदर पिचई ने वॉल स्ट्रीट जनरल को दिए इंटरव्यू में बताया कि एनएसडीआर (NSDR) बहुत फायदेमंद है. एक पॉडकास्ट से उन्हें इसकी जानकारी मिली थी. पिचई ने बताया कि जब उन्हें ध्यान करने में परेशानी होती है तो वे एनएसडीआर से संबंधित वीडियो खोजते हैं और फिर उसका अनुसरण करते हैं. वे 10, 20, 30 मिनट के वीडियो के जरिए NSDR करने की कोशिश करते हैं।
क्या होता है NSDR? (What Is NSDR)
NSDR को स्टैनफोर्ड न्यूरोसाइंस के प्रो. एंड्रयू ह्यूबरमैन ने ईजाद करने का दावा किया है. NSDR में व्यक्ति आंख बंद कर जमीन पर लेट जाता है. फिर किसी एक चीज पर अपना ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता है. ध्यान की तुलना में एनएसडीआर करना आसान है. एनएसडीआर में जैसे–जैसे दिमाग आराम की अवस्था में जाने लगता है वैसे–वैसे ह्रदय की गति धीमी होती चली जाती है. मनुष्य का दिमाग बीटा तरंगों से अल्फा तरंगों की ओर मुड़ जाता है. बीटा तरंगे सक्रिय दिमाग से जुड़ी हुई होती हैं, जबकि शांत अवस्था में अल्फा तरंगें अधिक सक्रिय होती हैं।
एनएसडीआर का फायदा:
ह्यूबरमैन का कहना है कि एनएसडीआर लोगों को आराम करने, अधिक आसानी से सोने, तनाव और चिंता को कम करने, दर्द को कम करने में तो मदद करता ही है, साथ ही यह सीखने में तेजी लाने में भी सहायक है. यह आमतौर पर दो तरीकों से प्राप्त किया जा सकता है– योग निद्रा और सम्मोहन.
ऐसे करें एनसीडीआर (How To Do NSDR)
योग निद्रा प्रशिक्षक ट्रेसी स्टेनली का कहना है कि इस क्रिया को करने के लिए आप पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं और आंखें बंद कर लें और किसी एक चीज पर अपना ध्यान केंद्रित करें. आप अपनी सांसों पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. अपने शरीर के प्रत्येक अंग को महसूस करें. लंबी गहरी सांस लेते रहें और अपने शरीर को ढीला छोड़ दें।